सोमवार, 4 अप्रैल 2011

तीसरे विश्व युद्ध की आहट

लीबिया के तानशाह कर्नल गद्दाफी द्वारा अपने ही नागरिकों के खिलाफ किये जा रहे अत्याचारों ने लगता है विश्व मे तीसरे विश्वयुद्ध का शंखनाद कर दिया है। हाॅलाकि अमरिका ब्रिटृन व फ्रांस ने  नो फ्लाई जोन घोषित होने के बाद भी कर्नल गद्दाफी के निवास पर मिसाइलों से हमले किए है उनका तर्क है कि कर्नल गद्दाफी नो फृलाई जोन के बाद भी लीबिया मे कत्ले आम कर रहे है। इस कारण उन्हें सबक सिखाने के लिए ये हमले किये गये है । इन हमलों के बाद गद्दाफी ने अपने प्रसारण में कहा है कि  वे आखिरी दम तक इसका मुकाबला करेगें । अर्थात् ऐसा लगता है कि तीसरे विश्वयुद्ध की रणभेरी बज चुकी है। म्झे नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी याद आ रही है जिसमें उन्होने कहा था कि
• Nostradamus - The Strange Prophecies
Nostradamus Predictions that Came True: 2010
There have been no such cases, where... Nostradamus predictions have come true this year. However, in future, in the same year, the great seer has foretold of a comet, called Wormwood, striking the Earth's surface and creating a huge disaster. He has also predicted that the World War 3 will start sometime between 2011 and 2012 and that it will be a war between the Christian world and the Arab world. The war will destroy many countries, except for the countries who will not take part in the war and that's India and China.

There are several more of Nostradamus predictions that came true, many events that will shock you, many events that will happen. In fact he has also predicted the end of the world in 2012. But, that is no reason why you should leave everything and sit and worry. What will come, will come, and when it comes, we will all face it together.

तीसरा विश्वयुद्ध 2011- 2012 मे शुरू होगा और यह यूरोपीय समुदाय व अरब समुदाय के बीच होगा। वर्तमान परिस्थितियां वैसी ही है जैसी कि नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी मे कही हैं । लीबिया अरब  अफ्रीकी देश है तथा फ्रांस ब्रिट्न व अमरिका यूरोपीय देश ।  क्या नास्त्रेदमस की  भविष्यवाणी सही साबित होगी और पूरा विश्व तीसरे विश्वयुद्ध की चपेट में आ जाएगा
पूरे विश्व का ध्रुवीकरण होता दिखाई दे रहा हैं  रूस चीन व भारत ने लीबिया पर हमले की निंदा की है वहीं अरब अफ्रीकी देशों का धु्रवीकरण हो रहा हैं । विश्व इस मुद्दे पर बंटता दिखाई दे रहा है। अगर समझदारी से काम न लिया गया तो यह तीसरे विश्वयुद्ध की शुरूआत हो सकती है।  सुरक्षा परिषद् ने 18 मार्च 2011 को 10--0 से एक प्रस्ताव पारित कर नागरिकों और नागरिक क्षेत्रों को कर्नल गद्दाफी की फौज के हमलों से बचाने के लिए सदस्य देशो को सभी जरूरी कदम उठाने की अनुमति दी है ।  इस प्रस्ताव में चीन व रूस स्थाई सदस्यों व तीन अस्थाई सदस्य भारत जर्मनी व ब्राजील ने मतदान में भाग नहीं लिया । रूस ने इस प्रस्ताव के पारित होने पर कहा है कि इससे लीबियाई आम नागरिक के साथ साथ पूरे उत्तर अफ्रिकी और मध्य पूर्व क्षेत्र में शांति और सुरक्षा पर बुरा असर पडेगा ।  चीन के दूत ने सुरक्षा परिषद में कहा कि चीन    22 सदस्यीय अरब लीक के रूख को महत्व देता है वे लीबिया पर -नो फ्लाई जोन चाहते है  इन सब को ध्यान मे रखते हुए चीन इस प्रस्ताव पर वोट के दौरान गैर हाजिर रहना चाहता हैं ।
इसके बाद ब्रिटे्न व फ्रांस के लीबिया की राजधानी त्रिपोली में मिसाइलों से हमले किये है ।    22 सदस्यीय अरब लीग के महासचिव अम्र मूसा ने कहा है कि लीग लीबिया के नागरिको की सुरक्षा चाहता है न कि उन पर ज्यादा से ज्यादा हवाई हमले।  उनका यह भी कहना है कि लीग ने सुरक्षा परिषद् द्वारा पारित प्रस्ताव का समर्थन इसलिए किया था कि कर्नल गद्दाफी जनता पर कहर ठा रहे है लेकिन फ्रांस व ब्रिट्न द्वारा किये जा रहे हवाई हमलें वहां की जनता के लिए परेशानी का सबब बन रहे है इसकी छूट नहीं दी जा सकती । इसका तात्पर्य है कि अरब लीग में भी इस फैसले को लेकर आवाज उठने लगी हैं । इन सबसे यह स्पष्ट दिखाई देने लगा है कि विश्व के देश अलग अलग खेमों में बंटना शुरू हो चुके है।
क्या आप जानते है कि प्रथम विश्व युद्ध में भी ब्रिट्ेन अमरिका व फ्रांस की अहम भूमिका थी तो द्वितीय विश्व युद्ध में फ्रांस व बिटृेन की भूमिका भी कम नहीं थीं  और अगर तीसरा विश्व युद्ध होता है तो ब्रिटृन फ्रांस व अमरिका इसमें मुख्य भूमिका निभाते दिखाई दे रहे है। प्रथम विश्व युद्ध 28 जुलाई 1914 से 11 नवंबर 1918 तक हुआ  उसके करीब 21 साल बाद द्वितीय विश्व युद्ध 1939 से  1945 तक हुआ और अब 66साल बाद एक बार फिर विश्व विनाश की ओर अग्रसर हो रहा हैं । क्या हम इसे रोक पाएंगे या नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी एक बार फिर सच साबित होकर ही रहेगी अगर ऐसा है तो इसके अनुसार तीसरा विश्व युद्ध कई देशों को नष्ट कर देगा जो इस युद्ध में भाग लेगें । उनके अनुसार इस युद्ध में भारत और चीन भाग नहीं लेगें और वे बच जाएंगें । आप हम वर्तमान परिस्थितियों को देख रहे है और हमारे सामने नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियां भी
अब देखना यह है कि क्या होता हैं  तीसरा विश्व युद्ध होता है या नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी गलत साबित होती है । हम तो यही प्रार्थना करते है कि नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी गलत साबित हो और विश्व के देशों के प्रमुखों के अहम् टकराकर तीसरी प्रलय का कारण न बनें ।

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